RBI गवर्नर की नई सलाह: Fintech कंपनियाँ ऐसे डिज़ाइन करें जो सबके लिए हों आसान और सुलभ l
12 October 2025
RBI गवर्नर ने एक नयी सलाह दी है फिंतेच कंपनियों को जो की सभी के लिए बेहद ही जरुरी है जानना वो हमारे जीवन से जुडी हुई है आखिर वो क्या सलाह है ?
दरअसल RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को फिनटेक कंपनियों से ऐसे उत्पाद बनाने को कहा जो उपयोग में आसान हों और सभी के लिए सुलभ हों। उन्होंने कहा कि इससे 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद मिलेगी। यहां आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 को संबोधित करते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बढ़ते डिजिटल धोखाधड़ी के मुद्दे पर भी ध्यान दिलाया और इस खतरे पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास करने पर जोर दिया।
ऐपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स का हवाला देते हुए, मल्होत्रा ने कहा कि अपने ग्राहकों के इतना करीब हो जाओ कि तुम उन्हें बता सको कि उन्हें क्या चाहिए, इससे पहले कि वे खुद इसे महसूस करें। उन्होंने 'ग्राहक-पहले' दृष्टिकोण अपनाने को कहा। उन्होंने
कहा कि ऐसे उत्पाद और सेवाएं डिजाइन करें जो उपयोग में आसान हों, सभी के लिए सुलभ हों। तकनीक के इस्तेमाल के साथ यह सुनिश्चित करें कि वरिष्ठ नागरिक, सीमित डिजिटल साक्षरता वाले व्यक्ति और विशेष रूप से विकलांग जैसे कमजोर समूह पीछे न छूटें।
उन्होंने यह भी कहा कि fintechs को “Design for All” के सिद्धांत पर काम करना चाहिए — यानी ऐसा डिज़ाइन जो सभी वर्गों, सभी क्षमताओं और सभी भाषाओं के उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ हो l
‘Underserved’ समूह कौन हैं?
Underserved” यानी वे लोग जो अभी तक वित्तीय व्यवस्था का पूरा लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
इनमें शामिल हैं: ग्रामीण और छोटे कस्बों के लोग
,वरिष्ठ नागरिक ,महिलाएँ और छोटे व्यापारी ,दिव्यांग व्यक्ति ,वे जिनके पास स्मार्टफोन या स्थिर इंटरनेट नहीं है l
RBI का मानना है कि इन समूहों तक डिजिटल पहुँच बढ़ाना भारत की समग्र वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) की दिशा में सबसे बड़ा कदम होगा।
Digitalization की ओर अगला कदम
RBI Governor संजय मल्होत्रा ने कहा की भारत अब वित्तीय विकास में आगे बढ़ रहा है इसीलिए केवल प्रोडक्ट बनाने से नहीं बल्कि सेवाओं को सार्वभौमिक बनाना और डेटा का जिम्मेदारी से उपयोग करते हुए उसका गहरा प्रभाव पैदा करना मुख्य उद्देश्य होगा।
गवर्नर ने Fintech को दिया नई दिशा
मल्होत्रा ने बताया कि भारत में आज 10,000 से अधिक फिनटेक कंपनियाँ हैं, जिन्हें देश के विशाल और कुशल प्रतिभाशाली लोगों का लाभ मिल रहा है।
उन्होंने मुंबई में आयोजित Global Fintech Fest 2025 के दौरान कहा कि अब फिनटेक कंपनियों की ज़िम्मेदारी है कि वे ऐसे उत्पाद और सेवाएँ तैयार करें जो सबके लिए सुलभ और समावेशी हों, खासकर उन लोगों के लिए जो अब तक डिजिटल वित्तीय व्यवस्था से वंचित हैं।
गवर्नर ने क्या कहा?
“ऐसे उत्पाद और सेवाएँ डिज़ाइन करें जो उपयोग में आसान हों, सबके लिए सुलभ हों और सहायक तकनीकों (assistive technologies) से लैस हों, ताकि वरिष्ठ नागरिक, सीमित डिजिटल साक्षरता वाले लोग और दिव्यांग व्यक्ति पीछे न रह जाएँ,”
डिजिटल अंतर मिटाने की अपील
उन्होंने फिनटेक कंपनियों से आग्रह किया कि वे डिजिटल विभाजन (digital divide) को कम करें, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दें और नई नवाचार (innovation) करें — लेकिन साथ ही “वैश्विक सोचें और स्थानीय स्तर पर जड़ें मजबूत रखें।”
“अंतरराष्ट्रीय साझेदारों से जुड़ें, अनुभव साझा करें, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएँ और भारत की भूमिका को डिजिटल वित्त के भविष्य में और मज़बूत करें,” उन्होंने कहा।
RBI की नई पहलें
इस दिशा में RBI कई नई पहलें कर रहा है —
डिजिटल रुपया (Digital Rupee) का विकास
, एसेट टोकनाइज़ेशन (Asset Tokenization)
, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) का उपयोग , Account Aggregator Framework के माध्यम से वित्तीय डेटा का उपयोग और साझा करना l
ग्राहक सुरक्षा और पारदर्शिता पर जोर
मल्होत्रा ने बताया कि RBI अब ऐसे मानक (standards) पेश करने की प्रक्रिया में है जो:
ग्राहक ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया (onboarding process) को बेहतर बनाएँगे, यूज़र इंटरफेस (user interface) को अधिक सरल और सहज बनाएँगे,
डेटा सुरक्षा को मज़बूत करेंगे और consent management (डेटा साझा करने की स्वीकृति) व पारदर्शिता को बढ़ाएँगे।
उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ेगी और डेटा साझा करने की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित व पारदर्शी बनेगी।
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