RBI का बड़ा फैसला: रेपो रेट 5.50% पर स्थिर, EMI घटने की कब मिलेगी राहत?
1 October 2025
RBI ( भारतीय रिज़र्व बैंक) ने हाल फ़िलहाल में ITR डेट बढ़ाने का फैसला लिया था और आज १ अक्टूबर २०२५ एक नया फैसला लिया है और वो है की उसने अपनी मौद्रिक नीति (Monetary Policy) की घोषणा की। इस बार रेपो रेट को 5.50% पर ही स्थिर रखा गया है। यानी RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
रेपो रेट क्या होता है?
जब आरबीआई रेपो दर बढ़ाता है, तो बैंकों के लिए पैसा उधार लेना महंगा हो जाता है. इससे बैंकों को भी ग्राहकों को उच्च ब्याज दरों पर ऋण देना पड़ता है, जिससे होम लोन, कार लोन आदि महंगे हो जाते हैं l
जब आरबीआई रेपो दर घटाता है, तो बैंकों को सस्ता फंड मिलता है. इससे बैंक भी ग्राहकों को सस्ते दरों पर ऋण दे पाते हैं l इसे ही रेपो रेट कहते हैं l
RBI ने यह फैसला क्यों लिया?
इस बार RBI ने कहा कि –
महंगाई (Inflation) अब पहले से कम हो रही है।
आर्थिक वृद्धि (GDP Growth) अच्छी गति से बढ़ रही है। इसलिए अभी दरों में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है।
महंगाई और विकास का नया अनुमान
RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए महंगाई का अनुमान 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया है।
GDP Growth का अनुमान 6.8% लगाया गया है, यानी अर्थव्यवस्था पहले से बेहतर स्थिति में दिख रही है।
आम लोगों पर असर
लोन पर असर – आप जो भी चीजों पर लोन लेते हैं जैसे होम लोन , कार लोन EMI , या पर्सनल लोन इस पर ज्यादा कोई असर नहीं पड़ेगा क्यूंकि रेपो रेट वही है l
निवेश पर असर – निवेशकों के लिए संकेत यह है कि महंगाई कम होगी और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, जिससे शेयर बाजार और अन्य निवेश विकल्पों पर सकारात्मक असर हो सकता है।
भविष्य की उम्मीद – RBI ने संकेत दिया है कि अगर महंगाई और नीचे आती है तो आगे चलकर ब्याज दरों में कटौती भी हो सकती है। इससे EMI और घट सकती है।
RBI का रुख (Policy Stance)
RBI ने अपना रुख “Neutral” रखा है। इसका मतलब है कि वह आगे के फैसले महंगाई और आर्थिक स्थिति को देखकर लेगा।
निष्कर्ष
RBI का यह फैसला आम लोगों और निवेशकों दोनों के लिए राहत भरा है। फिलहाल EMI में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन आने वाले महीनों में अगर महंगाई और कम होती है तो ब्याज दर घट सकती है और इसका सीधा फायदा लोन लेने वालों को मिलेगा।
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