सोने की रिकॉर्ड तेजी पर एक्सपर्ट्स की चेतावनी: 1973 जैसी स्थिति दोहराई तो क्या होगा ?
12 October 2025
सोना खरीदना सभी को पसंद होता है चाहे आप आभुषण खरीदे या स्टॉक मार्किट में निवेश करे आपको दोनों तरह से फ़ायदा ही होता क्यूंकि सोने की कीमत हमेशा ही बढ़ती है l और इस समय सोने की कीमत बहुत ही ज्यादा बढ़ गयी जिससे निवेशक खुश भी हैं लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है की सोने की इतना ज्यादा बढ़ती कीमत भी सही नहीं है l ये हमें कहीं न कहीं ये बताती है की देश की आर्थिक स्तिथि स्थिर नहीं है और ये हमारे देश के लिए एक चिंता का विषय है l 2025 में ही सोना लगभग 60% तक बढ़ गया है l
सोने में बहुत ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं लोग
सोने की कीमत इस तरह से बढ़ रही है की लोग हैरान भी और खुश भी क्यूंकि सोना बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है इस समय मार्केट में सोने की कीमत अभी 24 कैरेट सोना ₹1,26,600 प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंच गया है — जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
कई निवेशक अब शेयर बाजार से पैसा निकालकर सोने में निवेश कर रहे हैं। वजह साफ है — सोने ने पिछले एक साल में करीब 50–60% का रिटर्न दिया है।
सोने की इस तरह से बढ़ती कीमत एक संकेत है की कहीं हमारे देश की स्तिथि 1973 के तेल संकट के जैसी न हो जाए l
Gold ETF का जबरदस्त रेटर्न
इस साल गोल्ड ETF ने अपने निवेशकों को बहुत ही जबरदस्त रेटर्न दिया है गोल्ड ETF ने लगभग 51 % का या उससे भी अधिक का रेटर्न दिया है बता दें की पिछले साल यानि 2024 में सोने की कीमत 74,400 प्रति 10 ग्राम थी जो की इस साल यानि 2025 में सोने की कीमत 1,20,000 प्रति 10 ग्राम से अधिक हो गई है जो की 56% की बढ़ोत्तरी है l गोल्ड ETF ने लगभग 66% तक इस साल प्रॉफिट दिया है l
सोने की कीमत इतनी बढ़ना क्या खतरे का संकेत है ?
जब दुनिया में आर्थिक अनिश्चितता, युद्ध, या मंदी की आशंका बढ़ने लगती है।
यानी, अगर सोना बहुत तेज़ी से महंगा हो रहा है — तो इसका मतलब है कि निवेशक डर में हैं और आने वाले समय में किसी बड़े आर्थिक झटके की आशंका है।
Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, यदि वैश्विक माहौल ऐसा ही बना रहा, तो 2026 तक भारत में 10 ग्राम सोना ₹1.55 लाख तक पहुंच सकता है।
Goldman Sachs ने दिसंबर 2026 तक के लिए सोने का भाव $4900 प्रति औंस का अनुमान लगाया है।
केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीदारी सोने की कीमतों में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण है।
अमेरिकी टैरिफ फैसले: अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के टैरिफ फैसलों से भी सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं।
1973 की याद क्यों आई?
1973 में मुख्य रूप से तेल संकट हुआ था, जो योम किप्पुर युद्ध के कारण शुरू हुआ था। अरब देशों ने 1973 के युद्ध में इजरायल का समर्थन करने वाले देशों को तेल आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा दिया जिससे तेल की कीमतें 4 गुना बढ़ गईं।
इससे पूरी दुनिया में मंहगाई, बेरोजगारी और आर्थिक मंदी फैल गई थी।
1973 के जैसी स्तिथि फिर से दिख रही है -
तेल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है
वैश्विक युद्ध-तनाव (जैसे रूस-यूक्रेन, मध्य-पूर्व) युद्ध माहोल बना हुआ है l
डॉलर भी कमजोर हो गया है l
और मुद्रास्फीति (Inflation) में तेजी दिखाई दे रही है l
निष्कर्ष
अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो अभी जल्दबाजी न करें।
थोड़ा इंतजार करें, क्योंकि बाजार में तेजी के साथ बड़ी गिरावट भी आ सकती है।
अगर 1973 के जैसे हालात हुए तो फिर से दुनिया में आर्थिक मंदी , मुद्रास्फीति जैसी स्तिथि हो जायेगी और हम आर्थिक संकटो से घिर जायेंगे इसीलिए निवेश से जुड़े हुए कोई फैसला ले तो बहुत ही सोच - समझ और सलाह लेकर करें l
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